GST

क्यों आटा, दाल और चावल पर GST नहीं लगेगी, वित्तमंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी।

जी हां, आपने सही समझा आटा, दाल और चावल जैसे पदार्थों पर GST नहीं लगेगी। लेकिन इसमें कंडीशन है। कंडीशन यह है कि अगर आटा-दाल और चावल जैसे पदार्थों को बिना पैकिंग और लेवल की बेचे जाएं तो इन पर कोई भी जीएसटी नहीं लगेगा।

FM GST Announcement

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट करके बताया कि दाल, चावल, आटा और सूजी जैसे खाद्य पदार्थ बिना पैकिंग और लेबल के बेचे जाएं तो उनपर किसी भी तरह का GST चार्ज नहीं लगेगा।

निर्मला सीतारमण ने GST को लेकर क्या ट्वीट किया ?

निर्मला सीतारमण ने यह भी बताया कि अगर दाल, गेहूं, आटा, बेसन, दही और लस्सी इत्यादि इन चीजों पर लेबल लगाकर बेचे जाएंगे तो इस पर से जीएसटी वसूला जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक के बाद एक ट्वीट करते हुए कुछ सामानों पर जीएसटी न लेने की जानकारी दी है। उन्होंने इन सामानों का लिस्ट बनाया जिसमें दाल, गेहूं, राई, ओट्स, मकई, चावल, आटा, सूजी, बेसन, मुड़ी, लस्सी तथा दही जैसी चीजें शामिल है।

कौन-कौन से खाद्यपदार्थों पर 5% GST लगेगा?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगर दाल, गेहूं, लस्सी तथा दही जैसी चीजों पर लेबल या ब्रांडिंग लगाकर बेचे जाएंगे। तो इनपर पांच पर्सेंट जीएसटी लगेगा।

इसके साथ निर्मला सीतारमण ने यह भी अपने ट्वीट में जोड़ते हुए कहा कि, खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने का फैसला केवल किसी एक व्यक्ति ने नहीं लिया। बल्कि इसका फैसला पूरी जीएसटी कमेटी ने मिलकर एक साथ लिया।

इन्होंने अपने ट्वीट में यह भी जिक्र किया कि जीएसटी कमेटी की मीटिंग के दौरान गैर भाजपा शासित राज्य जैसे पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, राजस्थान जैसे अन्य राज्यों ने भी इस पर अपनी सहमति प्रदर्शित किया।

वैश्विक मुद्रास्फीति (Global Inflation) को कम करने के लिए इस कदम को उठाने की जरूरत पड़ी।

इसके साथ साथ अड़ोस पड़ोस के देश जैसे श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश तथा पाकिस्तान में गंभीर इन्फ्लेशन देखने को मिल रहे हैं। जिसका असर भारत पर भी देखने को मिल सकता है। इसी को कम करने के लिए खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाया गया है।

उठ रहे भ्रांतियों को दूर करने के लिए यह फैसला लिया गया।

Nirmala Sitaraman
source: HindustanTimes

43वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में विभिन्न दलों तथा समूहों में उठ रहे भारतीयों को दूर करने के लिए यह फैसला लिया गया। इस लिस्ट को शेयर करने पर विभिन्न प्रकार के भारतीयों को दूर किया जा सकता है।

वित्त मंत्री ने अपने अंतिम तथा 14 वे ट्वीट में कहा कि टैक्स चोरी को रोकने के लिए यह फैसला लेना बहुत ही जरूरी था। सभी अधिकारियों तथा मंत्रियों की बैठक में पूर्ण सहमति ली गई। अंततः इस फैसले को जारी किया गया।

GST को लेकर निर्मला सीतारमण का वचाव।

पहली बार खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाने की बात गलत है। – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

आपको बता दें कि पूरे देश में रोजाना उपयोग होने वाले खाद्य पदार्थों पर पहली बार जीएसटी लगाई गई है। इसके पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। पहले सिर्फ कुछ गिने चुने राज्यों में ही खाद्यपदार्थों पर GST लगाया जाता था।

विपक्ष को इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने का मौका मिल रहा था। जिस से बचने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि खाद्यान्न पदार्थों पर पहली बार जीएसटी कानून नहीं लगाया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि इसके पहले पंजाब तथा उत्तर प्रदेश में खाद्यान्न पदार्थों पर टैक्स लगाया गया था। जिसमें पंजाब 2000 करोड़ रुपए का राजस्व जमा किया था। और उत्तर प्रदेश लगभग 700 करोड रुपए का राजस्व प्राप्त किया था।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि साल 2017 से पहले गैर भाजपा शासित राज्य जैसे पंजाब तेलंगाना आंध्र प्रदेश केरल उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में चावल पर टैक्स लगाया जाता था।

बढ़ते हुए इन्फ्लेशन के साथ अब जीएसटी की मार से मिडिल क्लास लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पूरी दुनिया के सप्लाई धीमी पड़ गई है जिससे वस्तुओं की मांग बढ़ गई है और इनकी उपलब्धता में काफी गिरावट आई है।

अगर आपको इस पोस्ट से संबंधित किसी भी प्रकार का सवाल है तो आप कमेंट में अवश्य पूछे। आपके प्रश्न का बेसब्री से इंतजार रहेगा।

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