डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया।
इससे किसको होगा फायदा और किसको नुकशान होगा।
डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। इससे शेयर मार्केट में भगदड़ मच सकती है।
रूपया गिरने पर सबसे बड़ा नुकसान कार, कंप्यूटर, मोबाइल, स्मार्टवॉच और टीवी जैसी उन उपभोक्ता वस्तुओं पर देखने को मिल सकता है जिन्हें विदेश से आयात किया जाता है
विदेशी निवेशक तेजी से अपना पैसा बाजार से बाहर निकाल सकते हैं। औरइससे छोटे निवेशकों को बाजार में तगड़ा झटका लग सकता है।
वहीं, रुपये के कमजोर होने से भारत में पेट्रोल-डीजल का आयात महंगा हो सकता है। इससे घरेलू बाजार में सामानों का आवागमन महंगा हो सकता है और महंगाई की एक औऱ तगड़ी चोट लग सकती है।
पूर्व सचिव अजय शंकर का मानना है कि रुपये के गिरने को हमेशा नकारात्मक दृष्टि से देखा जाता है, लेकिन तुलनात्मक रूप से यह उतना भी बुरा नहीं होता
रुपये के गिरने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में हमारे उत्पाद सस्ते होते हैं जिससे भारतीय वस्तुओं की मांग बढ़ जाती है।
भारतीय रुपये के लगातार कमजोर होने का एक सीधा लाभ हमें यह दिखाई पड़ रहा है कि भारत का निर्यात लगातार वृद्धि कर रहा है।
चीन और जापान के उत्पाद सस्ते हो गए और वे पूरी दुनिया के बाजार में छा गए.
उन्होंने कहा कि सरकार को रुपये के गिरने को कंट्रोल करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
लेकिन अगर देश में महंगाई कम करनी है तो रूपए को हमेशा मजबूती के साथ खड़ा रखना पड़ेगा।